हालाकी देखा जाए तो SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और फायदे दोनों भी होते है। मान ले की ये एक ही सिक्के के दो बाजू है। हमे ज्यादातर फायदे वाली बाजू ही दिखाई जाता है। या तो हम वही जाना भी चाहते है। सिर्फ sbi ही नहीं सारे म्यूचूअल फंड के कुच्छ ना कुच्छ नुकसान और फायदे होते है। तो चलो आज हम SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और फायदे जानते है।
SBI बैंक एक भारत सरकार की बैंक है। शायद ईसी कारण हम SBI का नाम सुनते ही तुरंत विश्वास रकते है। चाहे उसकी कोनसी भी स्कीम हो. SBI ने अपना म्यूचूअल फंड स्कीम सन 1987 चालू किया। तब से आज तक Sbi ने निवेशांकों काफी अच्छा रिटर्न दिया है. मगर कुच्छ नुकसान भी मिला है. तो चलो हम SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और फायदे जानते है।
SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान :
- SBI म्यूचुअलफंड मे एंट्री और एग्जिट लोड दोनों भी लगता है। जो 1% से 3% रहता है।
- SBI म्यूचुअलफंड मे कैपिटल गैन टैक्स भी देना पड़ता है। जो शॉर्ट टर्म और लॉंग टर्म दोनों के लिए राहत है।
- अगर आप म्यूचुअलफंड चालू करने के एक साल के अंदर ही पूरा पैसे निकालते है तो आपको 15% से 20% टैक्स लग सकता है। मगर आप फंड चालू करने एक साल बाद पैसे निकालते है तो आपको 10% तक टैक्स लग सकता है।
- SBI म्यूचुअलफंड के ELSS और Fixed Maturity plan एसे मीडीअम रिस्क वाले प्लान भी है। और ELSS प्लान मे आपको तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है. अगर आप Fixed Maturity plan मे 10 साल के लिए निवेश करते हो तो आप 10 साल तक पैसा निकाल नहीं सकते।
- Sbi की 2/4 स्कीम छोड़ कर बाकी स्कीमे निवेशांकों पैसा नहीं बना पारी।
- Sbi ने अपने स्मॉल कैप फंड मे lumsum वाला ऑप्शन निवेशांकों के लिए बंद किया।
- Sbi की कही स्कीम शेयर बाजार के उतार चढ़ाव पर निर्भर है।
SBI म्यूचुअल फंड के फायदे :
- SBI म्यूचुअलफंड की अच्छी स्कीम चुनकर आप काही सारे फाइनैन्शल गोल पूरा कर सकते हो।
- आप कम से कम रु.500 लागत से भी sip शुरू कर सकते हो।
- SBI म्यूचुअलफंड मे सुरक्षा और पारदर्शिता का दर्जा काफी अच्छा होता है।
- Sbi के ELSS जैसे टैक्स सैविंग प्लान मे अगर आप निवेश करते हो तो प्रति वर्ष 5 लाख तक भारत सरकार के सेक्शन 80C तहत टैक्स मे कटोंटी मिल सकती है।
- अन्य AMCs के हिसाब से sbi के डायरेक्ट प्लान का एक्सपेन्स रैशीओ काम है।
- Sbi के Equity Hybrid Fund ने पिछले तीन साल मे काफी अच्छा रिटर्न दिया है।
- SBI म्यूचुअल फंड का क्रेडिट रिस्क खतरा मीडीअम है।
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अगर देखा जाए तो कोनसे भी म्यूचूअल फंड मे गारंटीड रिटर्न नहीं रहता. म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट के उतार छड़ाव पर निर्भर रहता है। चाहे आप कोनसे भी कंपनी का म्यूचुअल फंड ले सब शेयर मार्केट के उतार छड़ाव पर निर्भर रहता है।
Sbi म्यूचुअल फंड की कही सारी स्कीम चलाती है। आपको आपके गोल के हिसाब से सही स्कीम चुन के निवेश करना चाइए। अगर म्यूचुअल फंड मे sip करना चाहते हो तो, कम से कम 8 से 10 साल तक करे ताकि आपको compounding का ज्यादा से ज्यादा फायदे मिले। आप म्यूचुअल फंड मे lumsum निवेश भी कर सकते हो। आप Sbi म्यूचुअल फंड के तीनों प्रकार मेसे कोनसे भी प्रकार मे निवेश कर सकते हो। जो Equity Mutual Fund, Debt Mutual Fund, Hybrid Mutual Fund है। अगर आप म्यूचुअल फंड मे निवेश करने का सोचते हो तो आपको किसी भी प्रकार का कोई रिसर्च करनी की जरूरत नहीं। आपका फंड मैनेजर आप की तरफ से पूरा प्रबंधन करेगा। ईसी कारण म्यूचुअल फंड सही है।
निष्कर्ष:
दोस्तों हमे ये बताना भी जरूरी है की मार्केट मे निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। तो पैसा लगाने से पहले आप हमेशा आर्थिक सल्लागार की मदत ले।
SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और फायदे
bahut hi sahi se explain kiya hai